जीवन में हमेशा व्यवहारिक एवं सकारात्मक बनें – श्री ओ. पी. बंजारे 0

कंसोल ग्रुप ने हमेशा ही अपने कर्मचारियों को अपने व्यक्तित्व और हुनर को निखारने के लिए बेहतर माहौल देने पर ज़ोर दिया है. हाल ही में हुए लाइक-शेयर-कमेंट के 30वें एपिसोड में हमारे ख़ास मेहमान रहे – श्री ओ. पी. बंजारे जी, प्रभारी आईपीपीडी, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम. 31 अगस्त 2018 को हुए इस सेशन में बंजारे जी ने सभी के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा किए.

 

सेशन के कुछ प्रमुख अंश –

“मैंने हमेशा लोगों को अपने जीवन में सफल होने के लिए कोशिशें करते हुए देखा है, लेकिन आम तौर पर लोग उन्हीं रास्तों को अपना लेते हैं जो पहले से ही हमारे दिमाग में रचे-बसे हैं, लेकिन जो चीजें वास्तव में किसी व्यक्ति के जीवन में खुशी और सफलता ला सकती है, वो है जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए नए रास्ते तलाशना. इस तरह श्री बंजारे जी ने सेशन में मौजूद लोगों से अपने विचार साझा किए. वे आगे जोड़ते हुए कहते हैं कि हालांकि शिक्षा हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए कौशल हासिल करना भी बेहद ज़रूरी है. श्री बंजारे जी की बातों ने सेशन में मौजूद सभी लोगों को बहुत प्रभावित किया. उन्होंने सुझाव दिया कि हमें किसी भी अवसर के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए क्योंकि हर अवसर आपको मजबूती से उभरने के लिए एक मंच प्रदान करता है, आवश्यकता है तो केवल उन चुनौतियों का सामना करने के लिए आपमें साहस हो.

 

जिस अनुभव ने बदल दी ज़िन्दगी – 

श्री बंजारे जी उन दिनों को याद करते हैं जब वे ऑफबीट संगीत बजाया करते थे, संगीत की विधिवत शिक्षा लेने के बाद उन्होंने महसूस किया कि गणित और संगीत दोनों एक जैसे हैं क्योंकि संगीत में भी गणित की ही तरह सही स्वर खोजने में घंटों का अभ्यास करना पड़ता है. यह बताते हुए उन्होंने जोर दिया कि एक व्यक्ति अपनी पढ़ाई के साथ एक कलाकार में कैसे बदल सकता है. उन्होंने सभी कंसोलर्स को जीवन में व्यवहारिक होने का सन्देश दिया.

सेशन में उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया:

सभी कंसोलर्स ने श्री बंजारे जी के अनभुवों को ध्यान पूर्वक सुना. बंजारे जी की आवाज़ में मोहम्मद रफ़ी जी के गीत “लिखे जो ख़त तुझे” ने इस सेशन में चार चाँद लगा दिए. संगीत के प्रति जूनून और अपने अध्ययन के बीच तालमेल के साथ औद्योगिक विकास व इसके क्षेत्रों से जुड़े सवालों को उन्होंने धैर्यपूर्वक सुना और सभी प्रश्नों के जवाब भी दिए. आख़िर में श्री बंजारे जी के साथ एक ग्रुप फ़ोटो और स्मृति चिन्ह भेंट कर सेशन समाप्त हुआ.

  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
Previous ArticleNext Article

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *