“योगा को भले ही बोरिंग माना जाता है पर ऐसा नहीं है. एक प्रोफेशनल ट्रेनर के सेशन में भाग लीजिए और फ़िर निर्णय कीजिए.” इस वाक्य के साथ प्रसिद्ध योगा प्रैक्टिशनर श्री पुष्कल चौबे जी ने हाल ही में कंसोल ग्रुप द्वारा आयोजित लाइक-शेयर-कमेंट के 26वें एपिसोड में अपनी बात शुरू की. सेशन के दौरान उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को विस्तार में सभी से साझा किया और योगा से संबंधित आम मिथकों को भी दूर किया.
पुष्कल जी ने अपने प्रारम्भिक जीवन और करियर के बारे में बताया कि किन मुश्किल हालातों से उन्हें गुज़रना पड़ा, भावनात्मक और मानसिक तौर पर अस्थिरता और भी मुश्किलें बढ़ा रही थीं, कैसे इन सभी हालातों से जूझते हुए उन्हें योगा करने की प्रेरणा मिली और फ़िर वे इस स्ट्रीम में डिग्री लेकर प्रैक्टिशनर बने. आज वे भारत सरकार के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा सर्टिफाइड योगा टीचर हैं.
सेशन के दौरान पुष्कल जी ने योगा के खूबियों को साझा करते हुए बताया कि कैसे योगा हमें अपने शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण करने में मदद करता है. वे ज़ोर देते हुए बताते हैं कि जिम में वर्क आउट करने से बेहतर है योगा करना. एक घटना का ज़िक्र करते हुए पुष्कल बताते हैं कि एक पत्रकार ने दिनचर्या में थोड़े बदलाव के लिए योगा सेशन में भाग लिया और इस सेशन ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने योगा को दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया. “योगा ने कई लोगों की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाए हैं. यह आपको अनंत सुख की अनुभूति और शांति देता है, जो और कहीं नहीं मिल सकती.” आगे जोड़ते हुए पुष्कल बताते हैं.
पुष्कल जी के साथ यह सेशन बहुत ही प्रेरक और ज्ञानवर्धक रहा. स्मृति चिन्ह के रूप में मोमेंटो एवं ग्रुप फोटो के साथ इस सेशन का अंत हुआ.